भूमिका-:
आज, 7 अगस्त 2025 को भारत के लिए एक ऐतिहासिक दिन है। इस दिन को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस और हरित क्रांति के जनक, पद्म भूषण प्रोफ़ेसर एमएस स्वामीनाथन की जन्म शताब्दी के रूप में मनाया जा रहा है। साथ ही, बीते वर्ष भारत ने खाद्यान्न उत्पादन में एक नई ऐतिहासिक छलांग लगाई है, जिसने देश को वैश्विक मंच पर गौरवान्वित किया है
प्रोफेसर एमएस स्वामीनाथन: हरित क्रांति के निर्माता-:
-किसान और भारत: 1960 के दशक में जब देश को अकाल और खाद्यान्न संकट का सामना करना पड़ा, तब प्रो. स्वामीनाथन ने उच्च गुणवत्ता वाले गेहूं के बीज और वैज्ञानिक खेती के तरीकों को किसानों तक पहुँचाया।
-ऐतिहासिक योगदान-:
इनके शोध और योगदान से भारत ने अन्न संकट पर विजय पाई और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ा।
भारत की नई उपलब्धि-:खाद्यान्न उत्पादन में ऐतिहासिक उन्नति
2025 में भारत 354 मिलियन टन से भी ज्यादा खाद्यान्न पैदा करने का लक्ष्य पार कर गया है, जो पिछले सभी रिकॉर्ड्स को पीछे छोड़ने वाला होगा।
सरकार का आयोजन-:
प्रो. स्वामीनाथन की जन्म शताब्दी के अवसर पर 7 अगस्त से 9 अगस्त तक एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें जैव विविधता, महिला और युवा भागीदारी, कृषि आदि विषयों पर चर्चा की जाएगी।
प्रधानमंत्री मोदी का आज का बड़ा ऐलान-:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं इस विशेष सम्मेलन का उद्घाटन किया है।
उन्होंने हरित क्रांति के नायक के सम्मान में आज स्मारक सिक्का और डाक टिकट जारी किए।
इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा-"आने वाले समय में भारत की दिशा टिकाऊ कृषि और नवाचार की ओर होगी।"
महिला सशक्तिकरण की बड़ी खबर-:
मध्य प्रदेश सरकार ने लाडली बहना योजना के तहत आज महिलाओं के खातों में विशेष धनराशि ट्रांसफर की है, जिसमें रक्षाबंधन के अवसर पर अतिरिक्त राशि भी दी गई है।[1]
अन्य प्रमुख ट्रेंडिंग खबरें-:
अंतरराष्ट्रीय संबंध-: प्रधानमंत्री मोदी का 2019 के बाद पहली बार चीन दौरा, SCO समिट में भागीदारी।
आर्थिक मोर्चा-:आरबीआई ने रेपो रेट 5.5% पर स्थिर रखा, बैंक लोन और EMI पर राहत।
नए कानून और योजनाएँ-: नया मर्चेंट शिपिंग बिल 2024 पास; 75 नई वंदे भारत ट्रेनों की घोषणा।
अंतरराष्ट्रीय व्यापार-: अमेरिका ने भारत पर कुल 50% आयात टैरिफ किया, जिस पर भारत ने आपत्ति जताई है।
निष्कर्ष-:
आज का दिन भारत के लिए प्रगति, शोध, महिला सशक्तिकरण और कृषि क्षेत्र में नवाचार का प्रतीक है। प्रो. एमएस स्वामीनाथन जी की विरासत और सरकार की नई पहलों से देश की आने वाले समय में दशा-दिशा और मजबूत होगी।
आइये, हम सब मिलकर देश की इस सफलता में सहभागी बनें, किसानों और वैज्ञानिकों का सम्मान करें, और रोजगार व आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम बढ़ाएँ।
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