श्री प्रकाश लोहिया-: एक असाधारण औद्योगिक जगत के शिखर पुरुष
परिचय-: आरंभिक जीवन और शिक्षा
श्री प्रकाश लोहिया का जन्म 11 अगस्त 1952 को कोलकाता (भारत) में हुआ था। उनके पिता श्री मोहन लाल लोहिया एक व्यापारी थे। परिवार के शुरुआती वर्षों में लोहिया जी की शिक्षा कोलकाता और दिल्ली में हुई। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से वाणिज्य (कॉमर्स) की पढ़ाई पूरी की। यही शिक्षा उनके भविष्य की औद्योगिक यात्रा का आधार बनी!
इंडोनेशिया की ओर यात्रा
सिर्फ 19 वर्ष की उम्र में, वर्ष 1973 में, श्री प्रकाश लोहिया अपने पिता के साथ इंडोनेशिया चले गए। यह निर्णय उनके जीवन की दिशा बदलने वाला था। उस समय इंडोनेशिया सैन्य शासन के तहत था और व्यावसायिक अवसर सीमित थे। लेकिन लोहिया जी ने हिम्मत नहीं हारी और अपने पिता के साथ मिलकर इंडोरामा सिंथेटिक्स कंपनी की स्थापना की!
इंडोरामा कॉरपोरेशन का निर्माण
श्री प्रकाश लोहिया एक मध्यम वर्गीय परिवार से आते थे। उनके पिता ने 1973 में इंडोरमा कंपनी की शुरुआत की थी, और उन्होंने इस व्यवसाय को विस्तार देकर इंडोनेशिया में सिंथेटिक उत्पादों के लिए प्रमुख कच्चा माल बनाने वाली कंपनी बनाया। उनके भाई भी इस व्यवसाय में अलग-अलग देशों में सक्रिय हैं। उन्होंने नाईजीरिया में भी पिछले कुछ दशकों में एक बड़ी पेट्रोकेमिकल इकाई स्थापित की है।
1976 में इंडोरामा ने स्पन यार्न (सूती धागा) के उत्पादन से शुरुआत की। कंपाउंडिंग के शुरुआती साल बड़े संघर्षपूर्ण रहे, पर कुछ वर्षों में इंडोरामा ने इंडोनेशिया के सिंथेटिक उत्पादों के लिए जरूरी कच्चा माल बनाने में महारत हासिल कर ली। लोहिया जी की दूरदृष्टि और मेहनत से यह कंपनी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनी और आज इंडोरामा टेक्सटाइल्स और पेट्रोकेमिकल्स का वैश्विक नाम है!
वैश्विक विस्तार और नेतृत्व क्षमता
श्री प्रकाश लोहिया ने इंडोरामा के विस्तार के लिए उज़्बेकिस्तान, थाईलैंड, नाइजीरिया, भारत, अफ्रीका और अन्य देशों तक उसका परिचालन फैलाया। आज इंडोरामा के पास दुनिया भर में 70 से अधिक प्लांट्स हैं और 30,000 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं। कंपनी का कारोबार मल्टीनेशनल स्तर पर टेक्सटाइल, पेट्रोकेमिकल्स, फर्टिलाइज़र, सिंथेटिक ग्लव्स आदि क्षेत्रों तक फैल चुका है
परिवार और व्यक्तिगत जीवन
श्री प्रकाश लोहिया का विवाह सीमा मित्तल (स्टील टाइकून लक्ष्मी मित्तल की बहन) से हुआ है। उनके दो बच्चे हैं—अमित और श्रुति लोहिया। अमित लोहिया इंडोरामा कॉरपोरेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं और श्रुति व्यवसाय प्रबंधन की पढ़ाई के बाद सिंगापुर में निवास करती हैं!
कारोबारी सफलता और योगदान
- इंडोरामा निगम का संस्थापन जो आज पेट्रोकेमिकल्स, टेक्सटाइल और फर्टिलाइज़र्स के निर्माताओं में अग्रणी है
- अफ्रीका में इन्डोरामा एलेमे पेट्रोकेमिकल्स का निर्माण, जो पश्चिम अफ्रीका का सबसे बड़ा उत्पादक है
- पोलिएस्टर यार्न्स और PET रेज़ीन के क्षेत्र में वैश्विक उत्कृष्टता स्थापित की।
नवाचार और उद्योग जगत में क्रांति
श्री प्रकाश लोहिया ने इंडोरामा के आरएंडडी में भारी निवेश किया और उन्नत टेक्नोलॉजी का सटीक इस्तेमाल किया। इससे कंपनी ने उत्पादकता, गुणवत्ता और सतत विकास की दिशा में अपना स्थान मजबूत किया!
समाजसेवा, कला प्रेम और परोपकार
औद्योगिक जगत में अपार सफलता के बावजूद श्री प्रकाश लोहिया अपने समाजसेवी दृष्टिकोण के लिए भी प्रसिद्ध हैं। वे लोहिया फाउंडेशन और इंडोरामा चैरिटेबल ट्रस्ट के माध्यम से शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण और सामाजिक विकास के लिए कार्यरत हैं। इंडोनेशिया में अस्पताल, मेडिकल सेंटर, क्लीनिक, गरीब परिवारों के लिए मुफ्त इलाज जैसी सेवाएं उनकी संस्था देती है
उनका कला प्रेम भी उल्लेखनीय है-विश्वभर की प्राचीन किताबों और रंगीन लिथोग्राफ (चित्र) के संग्रहकर्ता हैं। लोहिया जी के पास दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी लिथोग्राफ संग्रह है, जिसकी डिजिटाइजिंग और साझा करने का कार्य वे करवा रहे, जो 17वीं और 18वीं सदी के दुर्लभ ग्रंथ और पांडुलिपियों से भरा है।
प्रमुख पुरस्कार और सम्मान
- भारत सरकार ने 2012 में उन्हें "प्रवासी भारतीय सम्मान" से सम्मानित किया।
- उनकी गिनती इंडोनेशिया के सबसे धनी व्यक्तियों में होती है-2024 के अनुसार उनकी सम्पत्ति US$8.7 बिलियन आंकी गई है
- फोर्ब्स एंड एशियन अवार्ड्स में उनके कारोबार और परोपकारी कार्यों के लिए विशेष सम्मान मिला।
उद्यमशीलता और नेतृत्व: प्रेरणा का स्रोत
श्री प्रकाश लोहिया की कहानी भारतीय उद्यमशीलता का प्रेरणादायक उदाहरण है। केवल 19 वर्ष की उम्र में, विदेश के कठिन वातावरण में भी उन्होंने औद्योगिक साम्राज्य खड़ा किया। उनका संतुलित हुनर, नवाचार, परिवार के साथ आपसी सहयोग और समाज के लिए योगदान-युवाओं, प्रवासियों और उद्यमियों के लिए अद्भुत प्रेरणा है!
निष्कर्ष : श्री प्रकाश लोहिया की विरासत
श्री प्रकाश लोहिया मात्र एक सफल उद्योगपति नहीं, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत के गौरव हैं। उनके जीवन से यह प्रमाणित होता है कि आत्मविश्वास, मेहनत, दूरदृष्टि और सामाजिक जिम्मेदारी द्वारा किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है।
उनके द्वारा स्थापित इंडोरामा की सफलता और उनके परोपकारी कार्यों की विरासत आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बनी रहेगी। विश्व स्तर पर भारतीय उद्यमिता, नेतृत्व और मानवता की मिसाल बने श्री प्रकाश लोहिया को शत-शत नमन।
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