विश्व अंग दान दिवस 13 August 2025
प्रस्तावना-:
हर वर्ष 13 अगस्त को विश्व अंग दान दिवस (World Organ Donation Day) मनाया जाता है। यह दिन अंग दान के महत्व को जनता के बीच जागरूक करने, अंग दान से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने और लोगों को इस नेक कार्य के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से समर्पित है। अंग दान वह महान कार्य है जिसमें किसी व्यक्ति के स्वस्थ अंगों को रोगी व्यक्ति को दान देकर उसके जीवन को बचाया या बेहतर बनाया जाता है। यह मानवता की सबसे बड़ी सेवा और जीवनदायिनी क्रिया है।विश्व अंग दान दिवस का इतिहास एवं महत्व:-
अंग प्रत्यारोपण का सफल इतिहास 1954 में अमेरिका में शुरू हुआ।रोनाल्ड ली हेरिक अंगदान करने वाले पहले व्यक्ति थे। 1954 में, उन्होंने अपनी किडनी अपने जुड़वां भाई को दान कर दी और डॉ. जोसेफ मरे वह डॉक्टर थे जिन्होंने इस सफल अंग प्रत्यारोपण प्रक्रिया को अंजाम दिया। बाद में, 1990 में, अंग प्रत्यारोपण में प्रगति लाने के लिए उन्हें शरीरक्रिया विज्ञान और चिकित्सा में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
भारत में पहला सफल मृतक दाता हृदय प्रत्यारोपण 3 अगस्त 1994 को हुआ था। विश्व अंगदान दिवस के माध्यम से हम उस अंतरराष्ट्रीय प्रयास को सम्मान देते हैं जो दुनिया भर में जीवन-दायिनी अंग दान की समस्या को कम करने के लिए जुटा है। भारत में लगभग 1,03,993 लोग जीवन रक्षात्मक अंग प्रत्यारोपण के लिए प्रतीक्षा सूची में हैं, लेकिन अंग दाताओं की संख्या बहुत कम है। सौभाग्य से एक अंगदाता से आठ लोगों तक जीवन बचाया जा सकता है तथा कई और लोगों का जीवन स्तर सुधारा जा सकता है। इसलिए अंग दान का महत्व अतुलनीय है।
भारतीय अंगदान दिवस का इतिहास-:
अंग दान के प्रकार:-
अंग दान के दो प्रकार होते हैं – जीवित दाता द्वारा और मृतक दाता द्वारा। जीवित दाता एक किडनी, यकृत का एक भाग, बोन मैरो या रक्त दान कर सकते हैं। मृतक दाता मृत्यु के पश्चात अपना दिल, फेफड़े, किडनी, लीवर, पैंक्रियाज, कॉर्निया, त्वचा आदि दान कर सकता है, जिससे अनेक लोगों के जीवन में उजाला आ सकता है।
अंग दान के प्रति भ्रांतियाँ और उनका निवारण:-
अभी भी कई लोग अंग दान के प्रति अनिश्चितता और गलतफहमियों में रहते हैं, जैसे अंग दान से शरीर विकृत हो जाता है या धर्म इसे स्वीकार नहीं करता। तथ्य यह है कि अधिकांश धार्मिक विश्वास अंगदान को एक पुण्य कार्य मानते हैं और अंग दान के लिए विशेष नियम निर्धारित करते हैं कि मृतक का सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार किया जाना चाहिए। अंग दान शरीर की शुद्धता या आत्मा की शांति में बाधक नहीं होता। यह एक करुणा और मानवता का प्रतीक है।
विश्व अंग दान दिवस का थीम और संदेश:-
2025 के विश्व अंग दान दिवस की थीम है "Answering the Call" अर्थात "आवाहन का उत्तर देना"। यह थीम अंगदान समुदाय के सभी लोगों से उनकी जिम्मेदारियों को समझने, जागरूकता बढ़ाने और जीवन बचाने के लिए समर्पित होने का आह्वान करती है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हम कैसे एक साथ मिलकर हजारों जीवन बचाने में योगदान दे सकते हैं।
प्रेरक हिंदी कोट्स और स्लोगन्स:-
- "अंगदान कर बनो बड़े, खुशियां बाटों, और पीड़ितों के सपने करो खड़े।
- "एक अंग दान ही, नए जीवन की आशा हैं।"
- "मौत के बाद करें अंगदान, यह लाएगा किसी के जीवन में मुस्कान।"
- "अंगदान ही है जन अभियान, इसलिए करो ये नेक काम।"
- "एक अंगदाता बन करो महान, हजारों जीवन बचाने का सामान।"
- जीवन का माप उसकी अवधि नहीं, बल्कि उसका दान है।"
- केवल ईश्वर ही जीवन दे सकता है,लेकिन हम इसे साझा कर सकते हैं
निष्कर्ष:-
अंग दान न केवल एक सामाजिक दायित्व है, बल्कि मानवता का सबसे बड़ा उपहार है, जो किसी के जीवन में आशा और पुनर्जन्म का नवीन सृजन करता है। विश्व अंग दान दिवस हमें इस महान कार्य को अपनाने के लिए प्रेरित करता है और हमारा लक्ष्य होना चाहिए कि हम सभी इस मिशन में सहभागी बनें, भ्रांतियों को दूर करें और दूसरों के जीवन में खुशियाँ लाएं। अंग दान कर हम अमरता और पुण्य का सृजन कर सकते हैं।
इस प्रकार, विश्व अंग दान दिवस न केवल अंग दान के महत्व को समझने का अवसर प्रदान करता है, बल्कि यह हमें मानवता के प्रति दायित्व और जीवन के अनमोल उपहार को साझा करने की प्रेरणा भी देता है। आइए हम सब मिलकर अंगदान का संदेश फैलाएं और जीवनदान के इस महान कार्य में सहभागी बनें।
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